RBI New Guidelines Minimum Balance: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस (Minimum Balance) को लेकर नए नियम जारी किए हैं। इस नए नियम के अनुसार न केवल बैंक का खाता धारकों के लिए चिंता बड़ी है बल्कि उनके वित्तीय स्थिति पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता हुआ नजर आ रहा है। यदि आप भी बैंक खाता डायरेक्ट है तो आप सभी के लिए यह जानकारी जान लेना बहुत ही आवश्यक है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आरबीआई के द्वारा जारी किए गए कुछ नए नियम की जानकारी बताने वाले हैं और कैसे यह नए नियम आपको आर्थिक संकट में डाल सकते हैं इसकी भी जानकारी बताएंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी किए गए निर्देशों के अनुसार सभी बैंकों को अपने ग्राहकों के खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने के लिए नए नियमों का शख्ती से पालन करना आवश्यक है। जिसके अनुसार यदि किसी खाताधारक का बैलेंस इस निर्धारित सीमा से नीचे चले जाता है तो ऐसे में अब खाते से चार्ज कटने वाला है इसका अर्थ यह है कि यदि आप खाते में न्यूनतम बैलेंस को मेंटेन नहीं करते हैं तो आपके पेनल्टी के रूप में चार्ज का भुगतान करना होगा।
पेनल्टी चार्जेस कैसे काटे जाएंगे?
आरबीआई के नए निर्देशों के अनुसार बताया गया है कि यदि आपका अकाउंट बैलेंस न्यूनतम सीमा से नीचे हो जाता है इस स्थिति में आपको सबसे पहले बैंक की ओर से एक नोटिफिकेशन भेजा जाएगा यदि इसके बाद भी आप अपने बैलेंस में बढ़ोतरी नहीं करते हैं तो ऐसी स्थिति में पेनेल्टी चार्जेस कटने वाला है। यह नए चार्ज सभी बैंक के लिए विभिन्न हो सकते हैं कई सिचुएशन में यह चार्ज बहुत अधिक हो सकते हैं और खास करके उन लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय बना रहा है जो कि कम आय वाले हैं और जिनके खाते में अधिक बैलेंस नहीं उपलब्ध हो पता है।
निम्न आय वर्ग के लिए बड़ी समस्या
नए नियमों के अनुसार बताया गया है कि इसका सबसे ज्यादा असर निम्न आय वर्ग के नागरिकों पर पड़ने वाला है यह लोग पहले से ही अपनी रोजमर्रा की आवश्यकता के लिए संघर्ष करते रहते हैं लेकिन अब उन्हें बैंक में भी एक निश्चित राशि का मूल्यांकन दबाव जालना पड़ सकता है यदि वह ऐसा नहीं कर पाते हैं तो ऐसे में उन्हें पेनल्टी का भुगतान करना आवश्यक है क्योंकि उनकी वित्तीय स्थिति को भी खगोलता है।
छोटे व्यापारियों पर भी पड़ेगा असर
नए घर में घर मेंनियमों के प्रभाव से निम्न वर्ग आय तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह मुख्य रूप से व्यापारियों के लिए भी चिंता का विषय बन रहा है कई छोटे व्यापारी अपने बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस को मेंटेन नहीं कर पाते हैं जिसके तहत नए नियमों के अनुसार उन्हें भी अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस को बनाए रखना आवश्यक है ऐसी स्थिति में नहीं तो पेनल्टी का भुगतान करना पड़ सकता है इसका परिणाम यह हो सकता है कि कई सारे छोटे व्यापारियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चिंता
मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का लाभ सुनिश्चित करवाना अभी भी सीमित ही है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने के लिए सरकार की ओर से कार्यक्रम संचालित करे जाते हैं और अब सभी के लिए न्यूनतम बैलेंस बनाना एक बड़ी चुनौती हो सकती है इसके अलावा अगर उनके खाते से पेनल्टी चार्ज करते हैं तो इसकी स्थिति में करीब नागरिक और ज्यादा कमजोर हो जायेगे।
क्या हो सकते हैं इसके संभावित परिणाम?
यह सभी नियम नई सख्ती कानून के साथ लागू किए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में इसके परिणाम काफी गंभीर नजर आ सकते हैं अधिकतर नागरिक बैंकिंग प्रणाली से बाहर हो सकते हैं और वह पेनल्टी का चार्ज सामना करने में सक्षम नहीं हो पाएगी इसके अलावा लोग अपनी जमा राशि को बैंक से निकलने के लिए प्रेरित हो सकते हैं और इसे बैंकिंग प्रणाली पर बड़ा दबाव पड़ सकता है।
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क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार बताया गया है कि इन सभी नए नियमों के अनुसार ग्राहकों को वित्तीय अनुशासनता ज्ञात करवाना है यह नए नियम गरीब और निम्न आय वर्ग की नागरिको के लिए चुनौती भरे हो सकते हैं कई विशेषज्ञों के अनुसार बताया गया है कि बैंकों को अपने ग्राहकों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पेनेल्टी चार्जेस में छूट देना आवश्यक है जिसके माध्यम से लोगों को वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े।
खुद को सुरक्षित रखने के लिए क्या करें?
यदि आप इन सभी बैंकों के नियम से सावधान और बचना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस को मेंटेन करना आवश्यक है इसके बजाय आप अपने बैंक से इस बारे में संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और पेनाल्टी की जानकारी बताने के लिए बैंक संपर्क सूत्र का उपयोग करें। और यह भी जानकारी ज्ञात करें कि किस स्थिति में चार्ज लागू किए जाते हैं।