Bhu Aadhaar Start: भू – आधार का नया नियम लागू, अब आपकी जमीन का भी जारी होगा आधार कार्ड

Bhu Aadhaar Start: जैसा कि आप सब जानते हैं कई बार आपकी जमीन को हड़प में के लिए किसी ने किसी गलत तरीके से आपकी जमीन को हड़प सकते हैं और ऐसे में उसे पर कब्जा हो जाता है। लेकिन क्या आप आपको पता है कि आपसे जमीन का भी आधार कार्ड बनने वाला है। जी हां बिल्कुल सही सुना अपने हाल ही में जानकारी के अनुसार पाया गया है कि अब जो आधार कार्ड हमारे व्यक्तिगत पहचान के रूप में कार्य करता है अब इसके माध्यम से भू आधार कार्ड जारी किया गया है और आपको जमीन से संबंधित किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

आपको जानकारी के लिए बता दे की बजट में कई सारी नई चीजों पर भी ध्यान रखा गया है और मुख्य रूप से जमीन और संबंधित मालिकाना हक को लेकर कई सारी योजनाओं का संचालन किया गया है और अब से भू आधार से जमीन का मालिकाना हक पता चल सकता है।

Bhu Aadhaar Start

प्रमुख रूप से भूमि से संबंधित जितने भी विवाद है यह सभी समाप्त हो जाएंगे और विशिष्ट रूप से 14 अंक का प्रविष्टि संख्या उपलब्ध करवाई जा रही है इसके माध्यम से भूआधार संभावना समाप्त हो जाएगी और जमीन पर किसी प्रकार की कब्ज और विवाद से संबंधित समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इसके अलावा देश की केंद्रीय सरकार की ओर से आम बजट 2024 में सभी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के जमीन को लेकर कई प्रकार के बदलाव किए गए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए विशिष्ट पहचान पत्र संख्या उपलब्ध करवाई गई है इसके माध्यम से जमीन की सुरक्षा और उचित कार्रवाई की जाएगी इसके अतिरिक्त से भू आधार भी बोला जाएगा और जितने भी शहरी भूमि है। शहरी क्षेत्र के लिए भी इसे मान्य कर दिया गया है एवं राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। साथ ही इस आधार कार्ड से स्पष्ट हो जाएगा कि इस जमीन का मालिक कौन है।

सम्बंधित खबरे:  इन 5 शहरों में मिलेगी सुपरफास्ट स्पीड, अब तो जिओ को भिखारी भी न पूछे

कैसे काम करता है भू आधार यहां से जाने

भू आधार में सबसे पहले जीपीएस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है और जियोटेक के साथ इसकी सटीक भौगोलिक स्थिति की पहचान की जाती है।

  • इसके पश्चात सर्वेक्षण करता भूखंड की सीमाओं का भौतिक सत्यापन करते हैं।
  • भूखंड हेतु भूमि जमीन के मालिक का उपयोग श्रेणी इत्यादि विवरण जमा किए जाते हैं।
  • सभी जमा की गई जानकारी का भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली में दर्ज किया जाता है।
  • इसके पश्चात सिस्टम स्वचालित से भूखंड के 14 अंकों की विशिष्ट संख्या को दर्ज करके डिजिटल कार्ड तैयार किया जाता है और यह भूमि के मालिक को सौप जाता है।

Vinay Kumar

नमस्कार! मैं विनय कुमार, छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले से हूँ। पिछले तीन सालों से कंटेंट लेखन के क्षेत्र में कार्यरत हूँ, और फाइनेंस, ऑटोमोबाइल, और टेक्नोलॉजी जैसे विषयों में मेरी गहरी समझ है। मेरा लेखन न सिर्फ जानकारीपूर्ण होता है बल्कि इसे सरल और दिलचस्प तरीके से पेश करने का प्रयास रहता है ताकि पाठकों को पढ़ने में आनंद आए। आइए, ज्ञान के इस सफर में हम साथ मिलकर आगे बढ़ें!

Leave a Comment

whatsapp WhatsApp मे जुड़े!